नंद कुमार

गवाही

मोर नाम नंदकुमार जांगड़े हवय अउ मोर गांव रामपुर, पोस्ट पवनी, थाना बिलाईगढ़ जिला बलौदा बाजार (छ.ग.) के रहाइया हंव, मैं हिन्दू धरम म रहके मुरती के बनोइया अऊ ओकर पुजा करोइया, उपास धास के रहोइया, जंतर मंतर के फुकोइया अउ नसा के खवइया रहेंव। अऊ अंधियार म जीवन जीयत रहेंव जऊन हर जसने कहय उसने करवं। एक दिन के बेरा म हमर जुन्‍ना गांव परसाडीह म छठी के नेवता म गय रहेंव। थोरकुन बेरा म उहाँ के लोग मन गोठियात रहिन कि जेकर लइका होय हावय तेकर गोरस नइ आवत हे। मैं सोंचत रहेंव कि मोला फुंके बर कही, पर ओमन मोला नइ कहिन अउ, एक प्रचारक ल जेकर नाम गेसराम हे ओला प्रार्थना करे बर कहिन अउ वो प्रचारक हर महु ल कहिस आवा प्रार्थना करबो। मैं ओमन के संग बइठ गेंव, अउ ओमन प्रार्थना करिन अउ आमिन कहिन, अउ महु ह ओ मन के संग म आमिन कहेंव। अउ झट ले ओ नोनी ल निहारेंव त ओहर ब्‍लाऊज अउ लुगरा पहिरे रहिस तेकर ल बाहर गोरस ह फेकाइस तेला देख के मैं अचरज म पड़ गेंव, अउ मने मन सोचत रह गेंव मैं मंत्र फूंकते त गोरस आतिस के नी आतिस। ओकर बाद मैं वो प्रचारक ल कहेंव तैं हर धरे हावस उसने पुस्तक ल महु ल देते त महु पढ़ते। ओहर नया नियम ल देवत रहिस त मैं कहेंव ननकी पुस्‍तक ल नइ लेवंव। ओहर एक महीना के समय मांगिस, मैं कहेंव ठीक हे। फेर एक महीना के बाद म लान के दिस त पढ़ेंव अउ मोला बने  लागिस मैं कई किताब रमायन, महाभारत, आल्‍हा, षिव पुरान पढ़े रहेंव फेर ओमन ले बढ़ीया लागिस अउ मैं मन फिरोयेंव, पछताव करेवं अऊ बतिसमा लेके सु समाचार सुनाए बर आने गांव जाथंव.....

जय मसीह की !